Wednesday, March 29, 2017

Kumar Vishwas on Kabir

‪मैं इसलिए कष्ट में नहीं हूँ कि नींद नहीं आ रही बल्कि इसलिए कष्ट में हूँ कि किसी भी तरह तुम्हें "जगा" नहीं पा रहा.‬😧
"सुखिया सब संसार है खावै अरु सोवै,
दुखिया दास कबीर है,जागै अरु रोवै.!"

No comments:

Post a Comment