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Sunday, November 18, 2012

हम तो मसरूफ थे

हम तो मसरूफ थे अपनी तन्हाईयों में 
मुदत्तों बाद किसी ने पुकारा हैं 
एक पल तो हम रुक कर सोचने लगे 
क्या यही नाम हमारा हैं ...
-अज्ञात 

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